Friday, December 1, 2023

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नासा ने लगाई कैलाश पर्वत पर सैटेलाइट फिर जो देखा उड़ गए होस China Mystery of Mount Kailash in Hindi

नासा ने लगाई कैलाश पर्वत पर सैटेलाइट फिर जो देखा उड़ गए होस China Mystery of Mount Kailash in Hindi

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नासा ने लगाई कैलाश पर्वत पर सैटेलाइट फिर जो देखा उड़ गए होस China Mystery of Mount Kailash in Hindi

वर्ष दो हज़ार पंद्रह एक बार फिर अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गूगल अर्थ व सेटेलाइट द्वारा कैलाश पर्वत पर रिसर्च की नासा के वैज्ञानिक ये जानना चाहते थे कि आखिर क्या है कैलाश पर्वत में जो आज तक कोई चढ़ नहीं पाया
आखिर क्यों ना तो कोई कभी हेलिकॉप्टर ले जाया जा सकता है और ना ही जहाज गूगल द्वारा जो फुटेज सामने आयी उसने नासा और गूगल के होश उड़ा दिए जी हाँ दोस्तों ये बिलकुल सत्य घटना है
तो आखिर क्या था कैलाश पर्वत पर
जिसने वैग्यानिकों के होश उड़ा दिए ये जानने के लिए विडिओ को बड़े ही ध्यान से और एंड तक देखिएगा
कैलाश पर्वत पहला भारतीय हिस्सा था हिंदू धर्म में भगवान शिव और कैलाश पर्वत का विशेष महत्व माना जाता था भगवान शिव देवों के देव महादेव होने के साथ साथ दानव, मानव, यक्ष, गंधर्व, नाग सहित संपूर्ण जगत के स्वर है दोस्तों, क्या आपको पता है कि कैलाश पर्वत अपने आप में एक एक मणि जैसा है हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, कैलाश पर्वत एक और इसपत्तीक दूसरी और मणिक, तीसरी तरफ सोना और चौथी तरफ नीलम से बना हुआ है
जो आज के समय में बेहद कीमती है उन्नीस सौ बासठ चीन ने भारत पर अचानक हमला कर दिया था उसी समय भारत देश को अंग्रेजों से आजादी प्राप्त हुई थी मात्र पंद्रह साल ही हुए थे भारत को आजाद हुए लिहाजा भारतीय सेना ने शक्ति हीन और तत्कालीन भारतीय सरकार भी कैलाश क्षेत्र के प्रति उदासीन थी लिहाजा चीन ने भारत की लगभग चालीस हज़ार वर्ग मीटर भूमि पर कब्जा कर लिया था, जिसमें कैलाश पर्वत सहित संपूर्ण तिब्बत क्षेत्र आता है
कैलाश क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद चीन काफी उत्साहित था और उसने कई बार इस पर्वत पर चढ़ने का प्रयास किया दोस्तों आज से बीस साल पहले सन् दो हज़ार एक में चीन ने स्पेन व रूस के वैज्ञानिक को के साथ मिलकर कैलाश पर्वत पर चढ़ने की अंतिम बार कोशीश की थी वो टीम कैलाश पर चढ़ने में सफल तो ना हो सकी परंतु जो अनुभव उन्होंने बताया वह हैरान करने वाली थी कर्नल आर सी विलसन ने बताया था की जब हम कैलाश पर चढ़ने का सीधा रास्ता खोज लिए थे और जैसे ही हम
उस पर आगे बढ़े तो बर्फ़ की भीषण बर्फबारी शुरू हो गई और बर्फ़ ने उस रास्ते को ही बंद कर दिया
रूस के प्रवक्ता रवैया संग्रह सिसोदिया गो ने बताया की जब वह कैलाश के नजदीक पहुंचे, तब उनका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा था घबराहट भी हुई और अंदर से एक आवाज आएगी, हमें आगे नहीं जाना चाहिए जिसके बाद वो सभी नीचे आ गए और उनका मन भी हल्का होने लगा कैलाश में चढ़ने वाले एक वैज्ञानिक ने बताया कि कैलाश पर चढ़ना पूर्ण रूप से असंभव है, क्योंकि कैलाश पर्वत किसी अदृश्य शक्ति द्वारा संरक्षित किया गया है साथ ही एक वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार
कैलाश एक प्रमाण जैसा है जो बिल्कुल दिशा बताने वाले कम्पास की तरह काम करता है कुछ का तो ये भी मानना है कि ये किसी प्राचीन मानव या किसी दिव्य शक्ति द्वारा बनाया गया है इसके निर्माण को लेकर एक वैज्ञानिक मान्यता ये भी है कि लगभग दस करोड़ वर्ष पहले यहाँ पर एक समुद्र था भारतीय उपमहाद्वीप का रहस्य महाद्वीप से टकराने के बाद ये हिमालय पर्वत श्रेणी का निर्माण हुआ कैलाश पर्वत बहुत ही पवित्र स्थान है जहाँ पर आज का कलयुग तामसिक मनुष्य नहीं जा सकता
वहाँ केवल वही पहुँच सकता है जो आदमी और शारीरिक तौर पर अध्यात्मिकता के शिखर पर हों, जिसकी भगवान शिव में प्रगाढ़ आस्था हो तिब्बत के धर्म गुरुओं ने रशिया के वैज्ञानिक को को बताया कि कैलाश पर्वत की चारों ओर अलौकिक शक्ति का प्रवाह है, जिसमें तपस्वी लोग आज भी टेलिपैथी से अत्याधुनिक गुरुओं से संपर्क करते हैं यहाँ के आसपास क्षेत्र में आज भी ओम की ध्वनि सुनाई देती है कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये आवाज बर्फ़ के पिघलने की है
जहाँ ध्वनि और प्रकाश के बीच समागम होता है तब ओम की ध्वनि निकलती है कैलाश पर्वत की उचाई छे हज़ार छे सौ से अधिक है जो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से लगभग बाईस सौ मीटर कम है फिर भी माउंट एवरेस्ट पर तो कई लोग चढ़ चूके हैं, कई पर्वतारोही जा चूके हैं, लेकिन कैलाश हमेशा से ही अजय रहा है जहाँ आज तक कोई नहीं चढ़ पाया विद्रोही हिंदू धर्म सहित विश्व के सभी धर्मों के लोग आज भी ये मानते हैं कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है
जो बेहद पवित्र स्थल है और चीन भी ये अच्छी तरह से समझ चुका है इसलिए सन् दो हज़ार एक के बाद उसने कैलाश पर्वत पर चढ़ने के लिए रोक लगा दी इसके बाद से कैलाश पर्वत का रहस्य वैग्यानिकों के लिए विशेष कौतूहल का विषय बना रहा वर्ष दो हज़ार पंद्रह के बीच एक बार फिर अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गूगल अर्थ व् यय सैटेलाइट द्वारा कैलाश पर्वत पर रिसर्च करने की सोंची नासा के वैज्ञानिक ये जानना चाहते थे कि आखिर क्या है कैलाश पर्वत में जो आज तक कोई भी नहीं चढ़ पाया
आखिर क्यों ना तो कोई उसके ऊपर हेलिकॉप्टर ले जाया जा सकता है और ना ही कोई हवाई जहाज गूगल अर्थ द्वारा जो फुटेज सामने आई उसने नासा और गूगल के होश उड़ा दिए उन्होंने सैटेलाइट द्वारा कैलाश पर्वत की जब तस्वीरों को देखा तो वहाँ पर साक्षात् भगवान शिव ध्यान मुद्रा में बैठे हुए थे ये सुनने में आपको थोड़ा हैरान कर देने वाला है
लेकिन यह सच है आप इन तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देख सकते होंगे कि भगवान शिव की तस्वीरें किस तरीके से कैलाश पर्वत पर नजर आ रही है आप चाहें तो ये गूगल पर भी मौजूद हैं आप खुद जाकर चेक कर सकते हैं ये साक्षात् ईश्वर है जो कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और हम जैसे आधुनिक मनुष्य जो ना तो पवित्र आचरण का है ना प्यार में तपस्या और अध्यात्मिक जीवन शैली में हमारे पास हम छल, कपट, चोरी, बेईमानी से भरे मंजे है आखिर हम कैसे भगवान शिव के समक्ष से जा सकते हैं

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