गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती 2025 में 6 जनवरी को मनाई जाएगी। इसे ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में जाना जाता है और यह दिन सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद खास है। गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें गुरु थे, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की। उनकी जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में भव्य सजावट होती है और लंगर का आयोजन किया जाता है। यह दिन सिख समुदाय के साथ-साथ पूरे देश में उनकी शिक्षाओं को याद करने और उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने का समय होता है।
Guru Gobind Singh Jayanti 2025 Popular Details :
विषय | विवरण |
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गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म | 22 दिसंबर 1666, पटना साहिब, बिहार |
जन्म तिथि (हिन्दू कैलेंडर) | पौष माह की शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि |
मृत्यु तिथि | 7 अक्टूबर 1708, नांदेड़, महाराष्ट्र |
प्रमुख योगदान | खालसा पंथ की स्थापना, पांच ककार की परंपरा |
प्रमुख उपलब्धि | सिख धर्म को नई दिशा प्रदान करना, धार्मिक सहिष्णुता का संदेश देना |
उपाधि | महान योद्धा, कवि, लेखक, और धर्म प्रवर्तक |
गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने जीवन के माध्यम से सिख धर्म को मजबूती प्रदान की। उन्होंने अपने अनुयायियों को सत्य, धर्म और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनके जीवन से प्रेरित होकर, आज भी लाखों लोग उनके उपदेशों का पालन करते हैं।
Detailed (Guru Gobind Singh Jayanti 2025):
गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन परिचय
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब, बिहार में हुआ। उनका बचपन का नाम गोविंद राय था। उन्होंने अपने जीवन को मानवता की सेवा, सत्य और धर्म के मार्ग पर समर्पित किया। सिख धर्म के दसवें गुरु के रूप में, उन्होंने सिख समुदाय को एकजुट किया और खालसा पंथ की स्थापना की।
खालसा पंथ की स्थापना
गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने अपने अनुयायियों को पांच ककार धारण करने का आदेश दिया: केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा। इन प्रतीकों ने सिखों की पहचान और उनकी धार्मिक आस्था को सुदृढ़ किया।
उपदेश और शिक्षाएं
गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को साहस, सत्यनिष्ठा और समानता का संदेश दिया। उन्होंने धर्म और आत्मरक्षा के लिए हथियार उठाने की प्रेरणा दी। उनकी कविताएं और लेखन धार्मिक सहिष्णुता और आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं।
गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती का महत्व
प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाने वाली गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती सिख समुदाय के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन, भजन, और लंगर का आयोजन किया जाता है। सिख अनुयायी उनकी शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं।
प्रेरणादायी योगदान
गुरु गोविंद सिंह जी ने न केवल सिख धर्म को नई दिशा दी बल्कि समाज में धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे को भी बढ़ावा दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
Guru Gobind Singh Jayanti 2025 FAQs:
प्रश्न 1: गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती 2025 में कब मनाई जाएगी?
उत्तर: साल 2025 में गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती 6 जनवरी को मनाई जाएगी। यह दिन पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि के अनुसार मनाया जाता है।
प्रश्न 2: गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर: गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पटना साहिब, बिहार में 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। यह स्थान आज सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
प्रश्न 3: गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कब की?
उत्तर: गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना 1699 में बैसाखी के दिन की। यह दिन सिख धर्म में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में माना जाता है।
प्रश्न 4: गुरु गोविंद सिंह जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्या था?
उत्तर: गुरु गोविंद सिंह जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान खालसा पंथ की स्थापना और पांच ककार की परंपरा को अनिवार्य बनाना था। इसके अलावा, उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और मानवता का संदेश भी दिया।
प्रश्न 5: गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु कब और कहां हुई थी?
उत्तर: गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में हुई थी। यह स्थान आज ‘तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब’ के नाम से प्रसिद्ध है।
इन सवाल-जवाब के जरिए, गुरु गोविंद सिंह जी की जीवन यात्रा और उनके योगदान को आसानी से समझा जा सकता है।