रक्षाबंधन का इतिहास, महत्व और कहानी

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है, जिसमें बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन का उदय

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को celebrate करने के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

रक्षाबंधन की परंपराएँ

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

इतिहास की झलक

रक्षाबंधन के बारे में कई पुरानी कहानियाँ हैं जो इस त्यौहार की महत्ता और उसकी परंपराओं को दर्शाती हैं।

पौराणिक कथा

एक कथा के अनुसार, रक्षाबंधन की शुरुआत यमराज और यमुनाजी के बीच के भाई-बहन के रिश्ते से हुई थी।

राखी का महत्व

राखी केवल एक धागा नहीं बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और सुरक्षा का प्रतीक है।

रक्षाबंधन की तैयारी

इस त्यौहार के लिए बहनें खास राखियाँ खरीदती हैं और भाई के लिए स्वादिष्ट पकवान तैयार करती हैं।

भाई की प्रतिज्ञा

भाई इस दिन अपनी बहन की सुरक्षा और उसकी खुशियों का वादा करते हैं।

रक्षाबंधन की विविधता

देशभर में रक्षाबंधन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन सभी जगह इसका संदेश एक ही होता है।

सभी के लिए स्नेह

रक्षाबंधन का पर्व सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में स्नेह और सुरक्षा का संदेश भी फैलाता है।